नरेन्द्र मोदी सरकार ने विगत दस सालों की अवधि में देश के भीतर और बाहर बहुत से ऐसे परिवर्तन किये हैं जिनसे देश के नागरिकों का बहुत भला हुआ है। घरेलू नीतियों की तरह नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति भी अत्यंत सफल रही है।
इस आलेख में नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति के कारण विगत दस वर्षों में अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त सफलताओं की संक्षिप्त चर्चा की गई है।
नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति संसार के सामने भव्य प्रदर्शन करने की रही है जिसके कारण विगत दस वर्षों में अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि अत्यंत मजबूत हुई है।
नरेन्द्र मोदी सरकार ने विगत दस सालों में अमरीकी दबाव के सामने झुके बिना रूस से सम्बन्ध बनाए रखकर, चीन सैनिकों को फिर से अपनी पुरानी पोजीशन्स पर लौटाकर, आर्मीनिया-अजरबैजान युद्ध में अत्यंत स्पष्ट शब्दों में आर्मीनिया के पक्ष में बोलकर, कनाडा के विरुद्ध अत्यंत मजबूती से कूटनीतिक कार्यवाही कर कर और जापान, जर्मनी, इटली, इंग्लैण्ड इजराइल एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ सम्बन्धों को नया आकार देकर भारत की छवि को दुनिया भर में चमकाया है।
नरेन्द्र मोदी सरकार ने भारत के पड़ौसी देशों की शत्रुतापूर्ण कार्यवाहियों का दमन करने के लिए जिस दृढ़ता, शांति एवं कूटनीति से काम लिया है, उससे शत्रु को मुंह की खानी पड़ी है तथा देश किसी भी युद्ध में फंसने से बचा है, जबकि अमरीका विगत दस वर्षों से लगातार कोशिश करता रहा है कि भारत किसी तरह चीन, अफगानिस्तान या बांग्लादेश से युद्ध में उलझ जाए।
नरेन्द्र मोदी सरकार ने अमरीकी दबाव में आए बिना, पाकिस्तान के हाथों में भीख का कटोरा पकड़ा दिया, बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को सैनिक बगावत के बीच में से सुरक्षित निकाल लिया, पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देकर अपने विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धन की सुरक्षित वापसी करवा ली, मालदीव की सरकार को बिना किसी युद्ध के घुटनों पर ला दिया, श्रीलंका की आर्थिक मदद करके श्रीलंका सरकार पर से चीन के प्रभाव को कम करने में सफलता प्राप्त की।
नरेन्द्र मोदी सरकार ने ईरान और तुर्की की लाख बेवकूफियों के बावजूद उनसे अपने रिश्तों को सामान्य बनाए रखा है।
नरेन्द्र मोदी सरकार ने कुवैत की सरकार पर दबाव डालकर कुवैत में कैद 22 भारतीयों को रिहा करवा लिया, 53 भारतीयों की उम्रकैद की सजा घटाकर 20 वर्ष करवाई, 18 भारतीयों की सजा में तीन चौथाई सजा की कटौती करवाई तथा 25 कैदियों की सजा घटाकर आधी करवाई। जिन 15 कैदियों को फांसी दी जानी थी, उन्हें भी माफी दिलवाई। ये सब लोग छोटे-बड़े अपराधों में कठोर कुवैती कानूनों के कारण कुवैत की जेलों में बंद थे।
कुवैत में बंदियों की फांसी रुकवाने का कार्य इतना कठिन था जिसे दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतें आसानी से नहीं करवा सकतीं किंतु नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा इसे सफलता पूर्वक करवा लिया गया।
जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा तो नरेन्द्र मोदी सरकार ने दोनों पक्षों के बीच अल्पकालिक युद्ध विराम करवाकर हजारों भारतीय छात्रों को यूक्रेन से सुरक्षित भारत वापसी करवाने में अद्भुत सफलता प्राप्त की। इस दौरान नरेन्द्र मोदी सरकार ने न केवल भारत के छात्रों को यूक्रेन से बाहर निकाला अपितु पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोगों को भी यूक्रेन से बाहर निकाल लिया।
इतना ही नहीं, नरेन्द्र मोदी ने इस युद्ध के बीच स्वयं रूस एवं यूक्रेन जाकर युद्ध रुकवाने के प्रयास किए किंतु जो बाइडन की नीतियों के चलते यह युद्ध आज भी चल रहा है।
अमरीका के लाख प्रयासों के बावजूद नरेन्द्र मोदी ने भारत को यू एन ओ में किसी भी अंतर्राष्ट्रीय दबाव में नहीं आने दिया तथा यूएनओ में रूस के विरुद्ध किसी ऐसे प्रस्ताव के पक्ष में वोट नहीं दिया जो रूस पर एक तरफा दबाव बनाते थे किंतु भारत ने यू एन ओ में रूस के विरुद्ध ऐसे मामलों में वोट भी किया जिनसे सम्पूर्ण मानवता का भला होता हो। नरेन्द्र मोदी ने यू एन ओ में जाकर यू एन ओ की प्रासंगिकता पर प्रश्न खड़ा किया। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय नेता हैं।
भारत ने इजराइल से अपने अच्छे सम्बन्धों के बावजूद इजराइल से बार-बार शांति की अपील भी की तथा फिलीस्तीन के निर्दोष नागरिकों को दवा एवं रसद भिजवाई।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की ऐसी स्पष्ट, उज्ज्वल और चमकीली छवि या तो इंदिरा गांधी के समय में रही, या नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में रही। जिस प्रकार नेहरू और इंदिरा के कार्यों का मूल्यांकन अब हो रहा है, उसी प्रकार नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति का सही मूल्यांकन तो भविष्य ही करेगा किंतु वर्तमान समय में न केवल भारत की अंतराष्ट्रीय स्तर पर छवि अपितु नरेन्द्र मोदी सरकार की घरेलू छवि भी अत्यंत उज्जवल और दृढ़ दिखाई देती है। भले ही विपक्षी पार्टियां सरकार की छवि पर रोज कीचड़ फैंकती है, किंतु नरेन्द्र मोदी सरकार का चेहरा पूरी तरह उजला है।
-डॉ. मोहनलाल गुप्ता