ईक्ष्वाकु राजाओं की कथाएं

  1. दधीचि के पौत्र ने तपस्या का फल लेने से मना कर दिया!
  2. सुदर्शन चक्र भगवान के भक्त का अपमान सहन नहीं कर सका!
  3. महर्षि विश्वामित्र के मंत्र से शुनःशेप बलि चढ़ने से बच गया!
  4. शुनःशेप ने पूछा मेरा पिता कौन है, मुझे बेचने वाला या खरीदने वाला!
  5. राजा वेन को ऋषियों ने अपनी हुंकार से मार डाला!
  6. राजा पृथु ने पिता बनकर पृथ्वी का पालन किया!
  7. टिक्टोनिक्स प्लेटों के स्थिर होने की घटना से जुड़ी है धुंध वध की कथा!
  8. सत्युग समाप्त हो गया और अचानक त्रेता लंगड़ाता हुआ आ गया!
  9. लवणासुर ने राजा मांधाता को दिव्य त्रिशूल से नष्ट कर दिया!
  10. ऋषि विश्वामित्र ने राजा सत्यव्रत के लिए नया स्वर्ग बना दिया!
  11. राजा हरिश्चंद्र ने रानी से कहा अपनी आधी साड़ी फाड़कर शमशान का कर चुकाए!
  12. राजा सगर ने यवनों के सिर मूंड कर उन्हें धर्म से वंचित कर दिया।
  13. राजा सगर के साठ हजार पुत्रों ने धरती और समुद्र को अत्यंत कष्ट दिया!
  14. राजा भगीरथ ने गंगाजी को धरती पर लाने के लिए महातप किया!
  15. हिमकाल की द्योतक है अगस्त्य द्वारा समुद्र पान की कथा!
  16. ईक्ष्वाकु वंशी राजा नाभि के समय नवीन सृष्टि आरम्भ हुई!
  17. राजा ऋतुपर्ण ने आकाश से ही पेड़ के पांच करोड़ पत्ते गिन लिए!
  18. महर्षि वसिष्ठ के श्राप से राजा सौदास कल्मषपाद राक्षस बन गया!
  19. राजा खट्वांग मृत्यु की जानकारी होते ही स्वर्ग छोड़कर अयोध्या आ गए!
  20. राजा दिलीप ने सिंह से कहा कि वह गौ के स्थान पर मुझे खा ले!
  21. महाराज रघु ने यक्षराज कुबेर से ब्राह्मणकुमार के लिए कर प्राप्त किया!
  22. राजा अज ने जंगल में लकड़ियां काटकर गुरु दक्षिणा चुकाई!
  23. रानी कैकेयी ने देवासुर संग्राम में राजा दशरथ के प्राणों की रक्षा की!
  24. प्राणमय, अन्नमय, मनोमय कोश की प्रतीक हैं राजा दशरथ की रानियां!
  25. हिन्दू धर्म ग्रंथ राजा रामचंद्र को पौने दो करोड़ साल पुराना बताते हैं।
  26. हे भरत! तुम मनुष्यों के राजा बनो, मैं जंगली पशुओं का सम्राट बनूंगा!
  27. वनवासी राम ने महर्षि जाबालि को कड़ी फटकार लगाई!
  28. महर्षि वाल्मीकि ने श्रीराम को ईक्ष्वाकुओं की परम्परा बताई!
  29. श्रीराम ने इन्द्र के पुत्र जयंत की आंख फोड़कर उसे जीवित छोड़ दिया।
  30. ऋषि भरद्वाज ने राम एवं सीता से हजारों साल की अनसूया का परिचय करवाया!
  31. शरभंग ऋषि ने श्रीराम को समस्त योग, यज्ञ, तप एवं व्रत समर्पित कर दिए!
  32. सुतीक्ष्ण ऋषि ने भगवान को देखकर आंखें बंद कर लीं!
  33. श्रीराम ने दिव्य शस्त्रों के लिए महर्षि अगस्त्य से भेंट की!
  34. अगस्त्य ऋषि ने अपने दिव्य आयुध श्रीराम को समर्पित कर दिए!
  35. श्रीराम ने दूसरे राजाओं के राज्य पर अधिकार नहीं किया!
  36. सशरीर स्वर्ग प्रवेश के लिए तप कर रहे शंबूक का श्रीराम ने वध कर दिया!
  37. शत्रुघ्न ने अपने पूर्वज मांधाता को मारने वाले लवणासुर का वध कर दिया!