Sunday, September 8, 2024
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सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रेरक एवं रोचक प्रसंग

सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रेरक एवं रोचक प्रसंग शीर्षक से लिखी गई इस पुस्तक में स्वतंत्रता सेनानी एवं आधुनिक भारत के निर्माता सरदार पटेल के जीवन से जुड़े हुए 117 रोचक प्रसंग लिखे गए हैं जिनमें सरदर वल्लभ भाई पटेल के विराट् व्यक्त्वि के दर्शन होते हैं।

आधुनिक भारत के निर्माताओं में सबसे पहला नाम यदि किसी व्यक्ति का लिया जा सकता है तो वे हैं- सरदार वल्लभ भाई पटेल। अंग्रेजों ने जिस भारत को आजाद किया था, वह भारत 566 रियासतों, 11 ब्रिटिश प्रांतों एवं 6 ब्रिटिश शासित कमिश्नरियों में बंटा हुआ था।

इन रियासतों, प्रांतों एवं कमिश्नरियों में रहने वाली जनता अपनी पहचान इन्हीं प्रशासनिक इकाइयों से समझती थी। इस कारण जिस प्रकार पाकिस्तान भारत से अलग हुआ था, उसी प्रकार रियासतें एवं ब्रिटिश प्रांत भी भारत से अलग हो सकते थे। पाकिस्तान में जाने से शेष बचे प्रांतों, रियासतों एवं कमिश्नरियों को जोड़कर एक देश का निर्माण करना सरल कार्य नहीं था किंतु पटेल ने यह कर दिखाया।

सरदार पटेल के व्यक्तित्व का आकर्षण न केवल उस समय के ब्रिटिश शासकों, भारतीय नेताओं और देशवासियों के सिर चढ़कर बोलता था अपितु आज भी देशवासियों के दिलों की धड़कनें बढ़ा देता है। आने वाले अनेक युगों तक पटेल, देशवासियों के लिये श्रद्धा और आदर का पात्र बने रहेंगे।

वे गुजरात के एक छोटे से गांव में जन्मे और उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी साम्राज्यवादी शक्ति से लोहा लेकर देश को आजादी दिलवाने में अग्रणी भूमिका निभाई। देश की आजादी में भूमिका निभाने वाले और भी सैंकड़ों नेता थे किंतु सरदार पटेल ने स्वातंत्र्य समर में प्रखर राष्ट्रवाद का जो अनोखा तत्व घोला, वैसा तत्व बहुत कम नेता घोल पाये।

यह सही समय है जब देश के नौजवानों तक सरदार पटेल की पूरी कहानी पहुँचे। कौन थे पटेल? क्या किया था उन्होंने? क्यों वे ऐसा कुछ कर सके जो दूसरे नेता नहीं कर सके? कैसे उन्होंने अपने युग के बड़े नेताओं की भीड़ में स्वयं को अलग पहचान दी? कैसे हाड़-मांस से बने लोहे के सरदार ने भारत में रह गई 562 रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर भारत राष्ट्र का निर्माण किया।

वे राष्ट्र के अनोखे सपूत थे, राष्ट्रहित के लिये किसी से भी टक्कर ले लेते थे और स्वहित के लिये कभी किसी से कुछ नहीं मांगते थे। उन्होंने संघर्ष, जेल और यातनाओं को अपने लिये रखा तथा स्वतंत्रता के श्रेय से लेकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक को दूसरों के लिये अर्पित कर दिया।

सोने का दिल और लोहे के हाथों वाले इस अनोखे नेता की पूरी कहानी पढ़िये इस पुस्तक में।

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

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