Monday, March 10, 2025
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बाली द्वीप के मंदिर (15)

बाली द्वीप के मंदिर हिन्दू देवी-देवताओं को समर्पित हैं। इनमें भगवान विष्णु, शिव, माता दुर्गा, सरस्वती तथा गणेश प्रमुख हैं। बाली में मंदिरों को पुरा कहा जाता है जो कि संस्कृत भाषा के ‘पुर’ शब्द से बना हुआ है जिसका आशय नगर एवं दुर्ग दोनों से लिया जाता है। बाली भाषा में ”पुरा” का अर्थ मंदिर होता है।

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अक्टूबर 2012 में इंडोनेशिया के पुरातत्व विभाग ने बाली द्वीप का सर्वेक्षण किया तथा चौदहवीं शताब्दी ईस्वी के एक विशाल हिन्दू मंदिर को खोज निकालने का दावा किया। पुरातत्वविदों ने देश को सूचित किया कि पूर्वी देन्पासार में नदी बेसिन में हो रही खुदाई में धरती से तीन फुट नीचे उन्हें एक विशालकाय पत्थर मिला तथा आगे हुई खुदाई में पाया गया कि यह वास्तव में एक विशाल मंदिर की आधारशिला है। ऐसे पत्थर बड़ी संख्या में मिले जो यह प्रमाणित करते हैं कि चौदहवीं सदी में इस नदी क्षेत्र में बड़ी संख्या में मंदिरों का निर्माण हुआ। बाली के हिंदू मंदिर यद्यपि सांस्कृतिक रूप से दक्षिण भारत के हिन्दू मंदिरों की ही परम्परा का प्रसार हैं तथापि बाली के हिन्दू मंदिरों की मूल संरचना एवं दक्षिण भारत के हिंदू मंदिरों की मूल संरचना एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है। दक्षिण भारत के हिन्दू मंदिरों में गोपुरम एक अनिवार्य संरचना है किंतु बाली के मंदिरों में इस प्रकार की संरचना नहीं पाई जाती है। भारतीय मंदिरों को भीतर से बहुत अलंकृत किया जाता है जबकि बाली के मंदिरों को जटिल रूप से सजाए गए छत वाले द्वार और विभाजित द्वारों की शृंखला से युक्त किया जाता है।

इण्डोनेशिया में सामान्यतः तीन प्रकार के हिंदू मंदिर देखने को मिलते हैं-

  1. कैंडी: इन्हें जावा के प्राचीन हिंदू मंदिरों के रूप में देखा जा सकता है।
  2. पुरा: इन्हें बाली के हिन्दू मंदिरों के रूप में देखा जा सकता है।र
  3. कुइल: इन्हें बाली एवं जावा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है। बोलचाला की भाषा में इन्हें काला कहा जाता है।

पुरा तमन अयुन (सरस्वती मंदिर)

तमन अयुन मंदिर बाली के प्रमुख मंदिरों में से है। यह बाली में दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। यह मेंगवी राजवंश का पारिवारिक मंदिर था जो बाली पर शासन करने वाले नौ राज्यों में से एक था। तमन अयुन मंदिर का निर्माण ईस्वी 1632 में हुआ था। देवी सरस्वती को समर्पित यह मंदिर बाली के उबुद नगर में है।

देवी सरस्वती को हिन्दू धर्म में विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी माना जाता हैं, इसलिए यहाँ पर भी देवी सरस्वती की पूजा ज्ञान और विद्या की देवी के रूप में ही की जाती है। यहाँ पर एक सुन्दर कुंड भी बना है, जो इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है। यहाँ प्रतिदिन संगीत के कार्यक्रम होते हैं। संस्कृत में अयन का अर्थ होता है- घर। बाली द्वीप का अयुन शब्द संस्कृत के अयन शब्द से ही बना है।

पुरा बेसकिह मंदिर

बाली द्वीप के माउंट अगुंग में स्थित यह मंदिर प्रकृति की गोद में बसा इंडोनेशिया का सबसे सुन्दर मंदिर है। यह बाली का सबसे बड़ा और पवित्र मंदिर भी है, जो बाली के महत्वपूर्ण मंदिरों की शृंखला में सम्मिलित किया गया है। 1995 ई. में इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया। मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।

गिन्यार क्षेत्र के मंदिर

बाली द्वीप के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में स्थित गिन्यार में 1986 ई. में हुई खुदाई में वासा मदिर सामने आया जो 11 मीटर चौड़ा है। 2010 ई. तक इंडोनेशिया के पुरातत्वविद, गिन्यार में धरती के नीचे दबे हुए 16 और मंदिरों को ढूँढ़ने में सफल हो गए।

तनाहलोट मंदिर (विष्णु मंदिर)

बाली द्वीप पर स्थित विशाल समुद्री चट्टान पर भगवान विष्णु को समर्पित तनाहलोट मंदिर 15वीं में निर्मित हुआ। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है तथा इण्डोनेशिया के मुख्य आकर्षणों में से एक है। यह मंदिर बाली द्वीप के हिन्दुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है।

जब समुद्र में ज्वार आता है तो मंदिर में जाने का मार्ग बंद हो जाता है तथा भाटा आने पर यह मार्ग खुल जाता है जिससे मंदिर तक जा सकते हैं। पर्यटकों को मंदिर के भीतर जाने की अनुमति नहीं होती है। वे बाहर की रेलिंग से भीतर का दृश्य देख सकते हैं।

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

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