Tuesday, April 15, 2025
spot_img

चित्रकूट का चातक

इस उपन्यास में अकबर के प्रधान सेनापति अब्दुर्रहीम खनाखाना की जिंदगी को आधार बनाया गया है जो हिन्दी के सबसे बड़े कवियों में से एक हैं तथा भगवान श्रीकृष्ण के ऐसे भक्तों में सम्मिलित किए जाते हैं जिन्हें भगवान ने स्वयं दर्शन दिए!

- Advertisement -

Latest articles

मेवाड़ के महाराणा - www.bharatkaitihas.com

मेवाड़ के महाराणा क्यों बन गए थे हिन्दू नरेशों के सिरमौर (116)

0
अत्यंत प्राचीन काल से ही भारत में एक से बढ़कर एक वीर राजकुल हुए जिन्होंने हिन्दू जाति को हजारों साल तक स्वतंत्र बनाए रखा...
मानसिंह की मेवाड़ यात्रा - www.bharatkaitihas.com

मानसिंह की मेवाड़ यात्रा (117)

0
मानसिंह की मेवाड़ यात्रा मध्यकालीन भारतीय राजनीति की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण थी। इस यात्रा में मानसिंह ने महाराणा प्रताप को समझाने का प्रयास...
अकबर और महाराणा प्रताप - www.bharatkaitihas.com

अकबर और महाराणा प्रताप एक-दूसरे के प्राण लेना चाहते थे (118)

0
अकबर तथा महाराणा प्रताप के बीच आदि से अंत तक जो भी घटनाएं हुईं उनसे यह सिद्ध होता है कि न तो अकबर महाराणा प्रताप से संधि चाहता था और न महाराणा प्रताप किसी भी कीमत पर अकबर से संधि करना चाहता था।
महाराणा प्रताप की सेना

महाराणा प्रताप की सेना (119)

0
महाराणा प्रताप की सेना के हरावल का नेतृत्व हकीम खाँ सूर के हाथ में था। उसकी सहायता के लिये सलूम्बर का चूण्डावत किशनदास, सरदारगढ़ का डोडिया भीमसिंह, देवगढ़ का रावत सांगा तथा बदनोर का रामदास नियुक्त किये गये।
मानसिंह की दुविधा - www.bharatkaitihas.com

मानसिंह की दुविधा (120)

0
मुगलों द्वारा रामप्रसाद के महाबत को भी मार डाला गया। जैसे ही महाबत धरती पर गिरा, मुगल सेना के हाथियों का फौजदार हुसैन खाँ अपने हाथी से रामप्रसाद पर कूद गया।
// disable viewing page source