Wednesday, March 26, 2025
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प्राचीन भारत का इतिहास (Prachin Bharat Ka itihas)

इस पुस्तक को भारतीय विश्वविद्यालयों में स्नातक उपाधि की परीक्षाओं के लिये स्वीकृत पाठ्यक्रम के अनुसार लिख गया है जिसमें सभ्यता के आरम्भिक काल से लेकर 1200 ईस्वी तक का इतिहास दिया गया है।

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अकबर और महाराणा प्रताप - www.bharatkaitihas.com

अकबर और महाराणा प्रताप एक-दूसरे के प्राण लेना चाहते थे (118)

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अकबर तथा महाराणा प्रताप के बीच आदि से अंत तक जो भी घटनाएं हुईं उनसे यह सिद्ध होता है कि न तो अकबर महाराणा प्रताप से संधि चाहता था और न महाराणा प्रताप किसी भी कीमत पर अकबर से संधि करना चाहता था।
महाराणा प्रताप की सेना

महाराणा प्रताप की सेना (119)

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महाराणा प्रताप की सेना के हरावल का नेतृत्व हकीम खाँ सूर के हाथ में था। उसकी सहायता के लिये सलूम्बर का चूण्डावत किशनदास, सरदारगढ़ का डोडिया भीमसिंह, देवगढ़ का रावत सांगा तथा बदनोर का रामदास नियुक्त किये गये।
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मानसिंह की दुविधा (120)

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मुगलों द्वारा रामप्रसाद के महाबत को भी मार डाला गया। जैसे ही महाबत धरती पर गिरा, मुगल सेना के हाथियों का फौजदार हुसैन खाँ अपने हाथी से रामप्रसाद पर कूद गया।
चेतक हल्दीघाटी में - www.bharatkaitihas.com

चेतक हल्दीघाटी में चक्कर काटने लगा! (121)

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जब महाराणा प्रताप अपने प्रिय अश्व चेतक पर बैठकर युद्धक्षेत्र में प्रकट हुआ तब शत्रुओं की परवाह किए बिना चेतक हल्दीघाटी में चक्कर काटने...
महाराणा प्रताप का शौर्य - www.bharatkaitihas.com

महाराणा प्रताप का शौर्य (122)

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हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप का शौर्य देखते ही बनता था। भारतीय राजा स्वयं युद्ध के मैदान में उतरकर लड़ते थे और अपने...
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