इस ग्रंथ में मध्यकालीन भारत का इतिहास लिखा गया है जिसमें भारत में मुस्लिम सल्तनत की स्थापना से लेकर मुगलिया सल्तनत की समाप्ति तक का अर्थात् 1200 ईस्वी से लेकर 1760 ईस्वी तक का इतिहास लिखा गया है। History of Medieval India
अकबर तथा महाराणा प्रताप के बीच आदि से अंत तक जो भी घटनाएं हुईं उनसे यह सिद्ध होता है कि न तो अकबर महाराणा प्रताप से संधि चाहता था और न महाराणा प्रताप किसी भी कीमत पर अकबर से संधि करना चाहता था।
महाराणा प्रताप की सेना के हरावल का नेतृत्व हकीम खाँ सूर के हाथ में था। उसकी सहायता के लिये सलूम्बर का चूण्डावत किशनदास, सरदारगढ़ का डोडिया भीमसिंह, देवगढ़ का रावत सांगा तथा बदनोर का रामदास नियुक्त किये गये।
मुगलों द्वारा रामप्रसाद के महाबत को भी मार डाला गया। जैसे ही महाबत धरती पर गिरा, मुगल सेना के हाथियों का फौजदार हुसैन खाँ अपने हाथी से रामप्रसाद पर कूद गया।