Friday, November 22, 2024
spot_img

65. हिन्दू राजाओं के नाराज होने से हुमायूँ को भारत से भागना पड़ा!

 हुमायूँ अमरकोट के राजा की सेना को लेकर ठट्ठा के शासक मिर्जा शाह हुसैन पर चढ़ाई करने गया तथा मार्ग में जून नामक स्थान पर ठहरा। यहाँ से हुमायूँ ने ठट्ठा के अधीन क्षेत्रों पर अभियान किए किंतु हुमायूँ को सफलता नहीं मिली।

इस बीच हुमायूँ की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही थी। गुलबदन बेगम ने लिखा है- ‘हुमायूँ ने तर्दीबेग से सिक्का उधार मांगा। तर्दीबेग के पास बहुत सुवर्ण था। उसने दस में से दो के हिसाब से अस्सी हजार अशर्फी हुमायूँ को उधार दी। हुमायूँ ने इस पूरी राशि को अपनी सेना में बांट दिया। हुमायूँ की तरफ से राणा वीरसाल और उसके पुत्रों को कमरबंद और सरोपा दिया गया। बहुत से सिपाहियों ने नए घोड़े खरीद लिए।’

हुमायूँ की खराब होती जा रही आर्थिक स्थिति के कारण उसके मंत्रियों, सेनापतियों एवं अमीरों में अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही थी। वे बात-बार पर झगड़ते थे और परस्पर मन-मुटाव के कारण हुमायूँ का साथ छोड़-छोड़कर थट्टा के शासक की शरण में पहुंचते जा रहे थे।

एक रात को राणा वीरसाल तथा हुमायूँ के सेनापति तर्दीबेग में कहा-सुनी हो गई। तर्दीबेग ने राणा वीरसाल का जमकर अपमान किया। यह एक अनपेक्षित स्थिति थी किंतु दुर्दैववश हुमायूँ इस स्थिति में ऐसा फंसा कि उसके जीवन में मुसीबतों का नया बवण्डर खड़ा हो गया।

TO PURCHASE THIS BOOK, PLEASE CLICK THIS PHOTO

अमरकोट के राजा ने हुमायूँ पर बहुत अहसान किए थे और जब भारत की धरती पर हुमायूँ को कोई पैर टिकाने की भी जगह नहीं देता था, तब राणा वीरसाल ने हुमायूँ को न केवल शरण दी थी अपितु बड़े प्रेम से उसके हरम की औरतों को अपने महलों में रखा था। इसलिए भाविक ही था कि राणा वीरसाल यह अपेक्षा करता कि हुमायूँ अपने मंत्री तर्दी बेग को दण्डित करे। इसमें कोई दो राय नहीं कि तर्दी बेग झगड़ालू तथा अनुशासनहीन व्यक्ति था और वह हुमायूँ को जोधपुर राज्य से निकलते समय हमीदा बानू के लिए घोड़ा देने के लिए भी मना कर चुका था किंतु हुमायूँ तर्दी बेग से कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं था। इसके कई कारण थे।

तर्दी बेग हुमायूँ का पुराना साथी था, इसलिए हुमायूँ नहीं चाहता था कि उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही की जाए। इस समय हुमायूँ के साथियों की संख्या छीजती जा रही थी, इस कारण भी हुमायूँ नहीं चाहता था कि मंत्रियों, बेगों एवं अमीरों को नाराज किया जाए। हुमायूँ के चुप रहने का एक बड़ा कारण यह भी था कि कुछ दिन पहले ही हुमायूँ ने तर्दी बेग से बहुत बड़ी रकम उधार ली थी ताकि हुमायूँ अपने सैनिकों एवं अन्य कर्मचारियों का वेतन चुका सके।

इन सब कारणों से हुमायूँ तर्दी बेग से कुछ नहीं कह सका तथा उसने राणा वीरसाल से अनुरोध किया कि वह इस झगड़े को यहीं समाप्त कर दे। जब हुमायूँ ने तर्दी बेग से कुछ नहीं कहा तो राणा वीरसाल हुमायूँ से नाराज होकर रात में ही अपने सैनिकों सहित अमरकोट के लिए रवाना हो गया। सोढ़ा, सूदमः और समीचा सरदार भी अपनी-अपनी सेनाएं लेकर चले गए।

जून में केवल हुमायूँ ही अपने हरम, अपने सैनिकों तथा असैनिक कर्मचारियों सहित रह गया। हिंदू राजाओं के जाते ही हुमायूँ के दुर्दिनों का नया अध्याय आरम्भ हो गया। हुमायूँ की खस्ता हालत देखकर और भी सैनिक हुमायूँ को छोड़कर शाह हुसैन की सेवा में चले गए। एक दिन मिर्जा तार्दी मुहम्मद खाँ और मुनइम खाँ के बीच कहा-सुनी हो गई जिससे मुनइम खाँ भी भाग गया। अब हुमायूँ के पास बहुत कम अमीर बच गए थे।

हिन्दू राजाओं एवं सरदारों के चले जाने के कारण अब हुमायूँ थट्टा के शासक के विरुद्ध कुछ भी करने की स्थिति में नहीं रह गया था। शाह मिर्जा हुसैन को हुमायूँ की इस दयनीय स्थिति के बारे में सब समाचार मिल रहे थे और वह किसी भी दिन आकर हुमायूँ को पकड़ सकता था।

अब हुमायूँ किंकर्त्तव्यविमूढ़ता की स्थिति में पहुंच गया था और उसे अपना वर्तमान एवं भविष्य दोनों ही अंधकारमय दिखाई दे रहे थे। उसे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। अब शाह हुसैन अपनी नावें लेकर जून के काफी निकट आ गया था जिसके कारण दोनों पक्षों में संघर्ष की तीव्रता भी बढ़ गई थी।

एक दिन हुमायूँ का पुराना साथी मुल्ला ताजुद्दीन, शाह हुसैन की सेना से लड़ता हुआ मारा गया। इससे हुमायूँ को बड़ा झटका लगा। हुुमायूँ मुल्ला की बहुत इज्जत करता था और उसे विद्या का मोती कहता था। सौभाग्य से उसी दिन हुमायूँ को समाचार मिला कि गुजरात से बैराम खाँ बादशाह की सेवा में आ रहा है और जाज्का तक पहुंच गया है। हुमायूँ ने खंदग ऐशक आगा को बैराम खाँ को लिवा लाने के लिए भेजा।

जब थट्टा के शासक शाह हुसैन को ज्ञात हुआ कि बैराम खाँ आ रहा है तो शाह हुसैन ने बैराम खाँ को पकड़ने के लिए अपनी सेना भेजी। बैराम खाँ के पास भी एक सेना थी। इस कारण दोनों पक्षों में युद्ध हुआ और दोनों ही तरफ के बहुत से मनुष्य मारे गए। हुमायूँ का अमीर खंदग ऐशक आगा भी इस युद्ध में मारा गया। बैराम खाँ अपने सैनिकों सहित हुमायूँ की सेवा में उपस्थित हुआ। हुमायूँ ने बैराम खाँ का बड़ा स्वागत किया।

पाठकों को स्मरण होगा कि हम बैराम खाँ तथा उसके पूर्वजों का इतिहास पूर्व में विस्तार से बता चुके हैं। वह बाबर के साथ खुरासान से हिंदुस्तान आया था। जब हुमायूँ ने गुजरात विजय की थी तब बैराम खाँ ने भारी वीरता का प्रदर्शन करके मुगलों के बीच कुछ प्रसिद्धि प्राप्त की थी किंतु शीघ्र ही वह समय आने वाला था जब बैराम खाँ न केवल मुगलिया राजनीति में अपितु भारत की राजनीति में भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनने वाला था।

बैराम खाँ के आने से हुमायूँ को बहुत बड़ा सहारा मिल गया था किंतु अब भी उसकी स्थिति ऐसी नहीं हुई थी कि वह शाह हुसैन मिर्जा से मोर्चा ले सके अथवा हिंदुस्तान में कुछ दिन और ठहर सके।

हुमायूँ के तीनों भाई उसे छोड़कर अफगानिस्तान जा चके थे। शेर खाँ सूरी उसका राज्य छीन चुका था और अब सिंध एवं अमरकोट क्षेत्र के हिंदू राजाओं तथा सरदारों के नाराज होकर चले जाने के बाद हिंदुस्तान में हुमायूँ का कोई सहारा नहीं बचा था। हिंदुस्तान में राज्य जमाने की तो कौन कहे हुमायूँ का सिंध के रेगिस्तान में टिके रहना भी कठिन हो गया। उसके लिए हिंदुस्तान में एक-एक दिन भारी हो रहा था। उसने भारत से भागने का निश्चय कर लिया!

– डॉ. मोहनलाल गुप्ता

Related Articles

56 COMMENTS

  1. You really make it appear so easy along with your presentation however I in finding this topic to be really one thing
    that I think I might never understand. It seems too complicated and very huge for me.
    I’m looking forward for your next publish, I’ll attempt to get the dangle of it!
    Escape roomy lista

  2. An impressive share! I have just forwarded this onto a co-worker who was conducting a little homework on this. And he actually ordered me breakfast because I found it for him… lol. So let me reword this…. Thank YOU for the meal!! But yeah, thanx for spending some time to discuss this matter here on your site.

  3. After exploring a number of the articles on your web site, I truly appreciate your way of writing a blog. I saved as a favorite it to my bookmark webpage list and will be checking back in the near future. Take a look at my web site as well and let me know how you feel.

  4. When I initially commented I appear to have clicked on the -Notify me when new comments are added- checkbox and now every time a comment is added I recieve 4 emails with the exact same comment. There has to be an easy method you can remove me from that service? Many thanks.

  5. May I just say what a comfort to discover an individual who truly knows what they are talking about over the internet. You certainly realize how to bring an issue to light and make it important. More people must look at this and understand this side of the story. I was surprised you’re not more popular given that you surely have the gift.

  6. Hello! I could have sworn I’ve visited this website before but after looking at a few of the articles I realized it’s new to me. Nonetheless, I’m definitely delighted I came across it and I’ll be book-marking it and checking back often.

  7. Howdy! Do you know if they make any plugins
    to assist with SEO? I’m trying to get my website to rank
    for some targeted keywords but I’m not seeing very good results.

    If you know of any please share. Thank you! You can read similar article here: Bij nl

  8. Having read this I thought it was really enlightening. I appreciate you finding the time and effort to put this informative article together. I once again find myself personally spending way too much time both reading and posting comments. But so what, it was still worthwhile.

  9. Howdy! This blog post couldn’t be written any better! Reading through this post reminds me of my previous roommate! He continually kept talking about this. I am going to send this post to him. Pretty sure he’s going to have a great read. Thank you for sharing!

  10. May I simply just say what a relief to find someone that genuinely understands what they’re discussing on the net. You actually realize how to bring an issue to light and make it important. More and more people ought to read this and understand this side of your story. I was surprised that you aren’t more popular because you definitely have the gift.

  11. I’m impressed, I must say. Rarely do I come across a blog that’s equally educative and entertaining, and without a doubt, you’ve hit the nail on the head. The problem is something which too few men and women are speaking intelligently about. I’m very happy that I found this in my hunt for something concerning this.

  12. Nice post. I learn something totally new and challenging on blogs I stumbleupon on a daily basis. It’s always interesting to read through content from other writers and practice something from other web sites.

  13. You are so awesome! I don’t think I’ve read a single thing like that before. So wonderful to discover someone with some genuine thoughts on this topic. Seriously.. thanks for starting this up. This website is something that is needed on the web, someone with a bit of originality.

  14. I have to thank you for the efforts you’ve put in penning this blog. I really hope to view the same high-grade content by you in the future as well. In truth, your creative writing abilities has encouraged me to get my very own website now 😉

  15. May I simply say what a relief to find someone who genuinely knows what they are discussing on the web. You actually realize how to bring a problem to light and make it important. More and more people must read this and understand this side of the story. It’s surprising you are not more popular given that you most certainly have the gift.

  16. sugar defender official website Adding Sugar Defender to my everyday regimen was among
    the very best decisions I have actually made for my wellness.
    I beware regarding what I consume, however this supplement includes an additional layer of support.
    I feel more consistent throughout the day, and my yearnings have decreased substantially.

    It behaves to have something so straightforward that makes such a large distinction!

  17. Good post. I learn something new and challenging on sites I stumbleupon everyday. It will always be helpful to read content from other authors and use something from their websites.

  18. Hello there! I could have sworn I’ve been to your blog before but after browsing through some of the posts I realized it’s new to me. Regardless, I’m certainly happy I found it and I’ll be bookmarking it and checking back often.

  19. I blog frequently and I seriously thank you for your content. This great article has truly peaked my interest. I will take a note of your site and keep checking for new details about once per week. I subscribed to your RSS feed as well.

  20. After I initially left a comment I appear to have clicked on the -Notify me when new comments are added- checkbox and from now on each time a comment is added I get 4 emails with the same comment. There has to be an easy method you can remove me from that service? Thanks.

  21. An outstanding share! I have just forwarded this onto a friend who was conducting a little homework on this. And he in fact ordered me lunch due to the fact that I stumbled upon it for him… lol. So allow me to reword this…. Thanks for the meal!! But yeah, thanks for spending the time to talk about this subject here on your web site.

  22. I really love your site.. Pleasant colors & theme. Did you build this amazing site yourself? Please reply back as I’m looking to create my very own blog and want to learn where you got this from or just what the theme is named. Many thanks.

  23. Howdy! This blog post couldn’t be written much better! Reading through this post reminds me of my previous roommate! He constantly kept talking about this. I most certainly will forward this article to him. Pretty sure he’ll have a very good read. Many thanks for sharing!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

21,585FansLike
2,651FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

// disable viewing page source