आधुनिक भारत का इतिहास – अनुक्रमणिका पृष्ठ पर इस पुस्तक के अध्यायों के लिंक दिए गए हैं। पाठक इन अध्यायों के शीर्षकों पर क्लिक करके सम्बन्धित अध्याय तक पहुंच सकते हैं तथा उसका निःशुल्क अध्ययन कर सकते हैं। आधुनिक भारत का इतिहास प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। इतिहास के इस कालखण्ड में भारत ने अपनी आजादी की लड़ाई लड़ी एवं स्वतंत्रता प्राप्त करके स्वयं को सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न राष्ट्र घोषित किया। आधुनिक भारत का इतिहास इस दृष्टि से अत्यत कष्टपूर्ण भी है कि इसी काल में भारत से बर्मा, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान आदि देश अलग हुए।
भारत में यूरोपीय जातियों का प्रवेश
अध्याय – 1 : भारत में यूरोपीय जातियों का आगमन
अध्याय – 2 : अंग्रेजों के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थिति – 1
अध्याय – 3 : अँग्रेजों के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थिति – 2
अध्याय – 4 : अँग्रेजों के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थिति – 3
अध्याय – 5 : भारत में अँग्रेज और फ्रांसीसी कम्पनियों की प्रतिस्पर्धा
अध्याय – 6 : अँग्रेजों के आगमन के समय भारत की आर्थिक स्थिति
अंग्रेज जाति का भारतीय शक्तियों से संघर्ष
अध्याय – 7 : बंगाल में ब्रिटिश प्रभुसत्ता का विस्तार
अध्याय – 8 : प्लासी का युद्ध (1757 ई.)
अध्याय – 9 : बंगाल में अंग्रेज शक्ति का उदय एवं बक्सर-युद्ध
अध्याय – 10 : ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना
अध्याय – 11 : प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध
अध्याय -12 : द्वितीय एवं तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध
भारत पर अंग्रेज जाति का शासन
अध्याय – 13 : भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना
14 -अध्याय : मार्क्विस वेलेजली द्वारा सहायक संधि प्रथा का आविष्कार
अध्याय – 15 : लॉर्ड हेस्टिंग्ज की हस्तक्षेप नीति
अध्याय – 16 : लॉर्ड डलहौजी की डॉक्टराइन ऑफ लैप्स
अध्याय – 17 : ईस्ट इण्डिया कम्पनी का जमींदारी बंदोबस्त
अध्याय – 18 : ईस्ट इण्डिया कम्पनी का रैय्यतवाड़ी बन्दोबस्त
अध्याय – 19 : ईस्ट इण्डिया कम्पनी का महलवाड़ी बंदोबस्त
अध्याय – 20 : ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत में कृषि का वाणिज्यीकरण और उसका प्रभाव
अध्याय – 21 : ब्रिटिश काल में भारत से धन का निष्कासन
अध्याय – 23 : ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत में न्यायिक सुधार
अध्याय – 24 : भारत में ईसाई शिक्षा के प्रारम्भिक प्रयास
अध्याय – 25 : भारत में पाश्चात्य शिक्षा के विकास का प्रथम चरण (1813-1853 ई.)
अध्याय – 26 : भारत में पाश्चात्य शिक्षा के विकास का दूसरा चरण (1854-1882 ई.)
अध्याय – 27 : भारत में पाश्चात्य शिक्षा के विकास का तीसरा चरण (1882-1901 ई.)
अध्याय – 28 : भारत में पाश्चात्य शिक्षा के विकास का चतुर्थ चरण (1901-19 ई.)
अध्याय – 29 : भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन-1
अध्याय – 30 : भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन-2
अध्याय – 31 : भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन-3
अध्याय – 32 : भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन-4
अध्याय – 33 : भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन-5
अध्याय – 34 : भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन-6
अध्याय – 35 : भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन-7
अध्याय – 36 : भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन-8
अध्याय – 37 : भारत में समाज सुधार एवं धर्म सुधार आन्दोलन-9
अध्याय – 38 : भारत में अठारहवीं सदी में प्रेस एवं पत्रकारिता का विकास
अध्याय – 39 : भारत में उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध की पत्रकारिता
अंग्रेज जाति से मुक्ति हेतु प्रयास
अध्याय – 40 : भारत में अट्ठारह सौ सत्तावन के बाद की पत्रकारिता
अध्याय – 41 : अँग्रेजी शासन की पहली शताब्दी में हुए विद्रोह
अध्याय – 42 : उन्नीसवीं सदी में किसान आन्दोलन प्रारम्भ होने के कारण
अध्याय – 43 : भारत में उन्नीसवीं सदी के प्रमुख किसान आन्दोलन
अध्याय – 44 : ब्रिटिश काल में आदिवासियों के विद्रोह
अध्याय – 45 : अठारह सौ सत्तावन क्रांति के कारण
अध्याय – 46 : अठारह सौ सत्तावन की क्रांति की घटनाएँ एवं प्रसार
अध्याय – 47 : अंग्रेजों द्वारा अठारह सौ सत्तावन क्रांति का दमन
अध्याय – 48 : अठारह सौ सत्तावन क्रांति की असफलता के कारण
अध्याय – 49 : भारत में राजनीतिक संगठनों का उदय – 1
अध्याय – 50 : भारत में राजनीतिक संगठनों का उदय – 2
अध्याय – 51 : भारत में राजनीतिक संगठनों का उदय – 3
अध्याय – 52 : भारत में राजनीतिक जन-जागरण के कारण
अध्याय – 53 : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
अध्याय – 54 : उदारवादी नेतृत्व (नरमपंथी कांग्रेस) -1
अध्याय – 55 : उदारवादी नेतृत्व (नरमपंथी कांग्रेस) -2
अध्याय – 56 : उग्र राष्ट्रवादी आंदोलन (गरमपंथी कांग्रेस) – 1
अध्याय – 57 : उग्र राष्ट्रवादी आंदोलन (गरमपंथी कांग्रेस) – 2
अध्याय – 58 : उग्र राष्ट्रवादी आंदोलन (गरमपंथी कांग्रेस) – 3
अध्याय – 59 : भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन – 1
अध्याय – 60 : भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन – 2
अध्याय – 61 : भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन – 3
अध्याय – 62 : भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन – 4
अध्याय – 63 : भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन – 5
अध्याय – 64 : भारत में क्रांतिकारी आन्दोलन – 6
अध्याय – 65 : क्रांतिकारी आन्दोलन – 7
अध्याय – 66 : भारतीय राजनीति में गांधीजी का योगदान – 1
अध्याय – 67 : भारतीय राजनीति में गांधीजी का योगदान – 2
अध्याय – 68 : भारतीय राजनीति में गांधीजी का योगदान – 3
अध्याय – 69 : भारतीय राजनीति में गांधीजी का योगदान – 4
अध्याय – 70 : भारतीय राजनीति में गांधीजी का योगदान – 5
अध्याय – 71 : भारतीय राजनीति में गांधीजी का योगदान – 6
अध्याय – 73 : उग्र वामपंथी आन्दोलन – 1
अध्याय – 74 : उग्र वामपंथी आन्दोलन – 2
अध्याय – 75 : उग्र वामपंथी आन्दोलन – 3
अध्याय – 76 : उग्र वामपंथी आन्दोलन – 4
अध्याय – 77 : भारत में मजदूर आन्दोलन – 1
अध्याय – 78 : भारत में मजदूर आन्दोलन – 2
अध्याय – 79 : भारत में किसान आन्दोलन
अध्याय – 80 : भारत में दलित आन्दोलनों का उदय
अध्याय – 81 : भारत सरकार अधिनियम 1919
अध्याय – 82 : भारत सरकार अधिनियम 1935
अध्याय – 83 : भारत में साम्प्रदायिक राजनीति का विकास – 1
अध्याय – 84 : भारत में साम्प्रदायिक राजनीति का विकास – 2
अध्याय – 85 : भारतीय राजनीति में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का उदय तथा कांग्रेस में सक्रियता
अध्याय – 86 : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस तथा भारतीय राष्ट्रीय सेना
अध्याय – 87 : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस द्वारा आजाद हिन्द फौज का पुनर्गठन
अध्याय – 88 : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की सफलताओं का मूल्यांकन
भारत का विभाजन
अध्याय – 89 : स्वतंत्रता के द्वार पर भारत
अध्याय – 91 : पराधीनता का विलोपन एवं स्वाधीनता का उदय
अध्याय – 92 : भारत विभाजन के बाद साम्प्रदायिक उन्माद
अध्याय – 93 : स्वतंत्र भारत में देशी रियासतों के विलय का प्रश्न
अध्याय – 94 : देशी राज्यों के भारत में विलय पर जिन्ना का षड़यंत्र
अध्याय – 95 : भारत में विलय के प्रश्न पर जूनागढ़ की समस्या
अध्याय – 96 : भारत में विलय के प्रश्न पर हैदराबाद की समस्या
अध्याय – 97 : भारत में विलय के प्रश्न पर काश्मीर की समस्या
अध्याय – 98 : भारत की आजादी के बाद देशी रियासतों में प्रजातन्त्रीय व्यवस्था