Wednesday, March 12, 2025
spot_img

सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण

आजादी की लड़ाई में सरदार पटेल की उपलब्धियां विलक्षण थीं किंतु आजादी के समय उनकी भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण थी। उन्होंने देश की 554 देशी रियासतों का भारत में सम्मिलन करवाया। स्वतंत्र भारत में उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि गुजरात के प्राचीन सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाना रही।

सोमनाथ का जगत् प्रसिद्ध मंदिर गुजरात के काठियावाड़ प्रदेश में स्थित था। मान्यता है कि यह ईसा के जन्म से भी पहले का मंदिर है। इस मंदिर को सिंध और अरब से आये मुस्लिम आक्रांताओं ने कई बार तोड़ा। आठवीं शती में जालौर के प्रतिहार शासक नागभट्ट ने तीसरी बार सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया।

महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर की सम्पदा लूटने के लिये भारत पर 17 बार भयानक आक्रमण किये। उसने इस मंदिर में पूजा कर रहे पचास हजार लोगों को मारकर मंदिर के शिवलिंग को तोड़ डाला।

सरदार वल्लभ भाई पटेल - www.bharatkaitihas.com
To Purchase this Book Please Click on Image

 महमूद गजनवी, शिवलिंग के टुकड़ों को हाथी के पैरों से बांधकर गजनी ले गया और वहाँ जाकर उन रास्तों में चिनवा दिया जो गजनी के महलों से मस्जिदों तक जाते थे। इस मंदिर से महमूद गजनवी को विशाल सम्पदा हाथ लगी थी जिसे वह हाथियों, ऊँटों एवं बैलगाड़ियों पर लादकर गजनी ले गया। उसने इस मंदिर के भवन को भी बहुत क्षति पहुंचाई। गुजरात तथा मालवा के राजाओं ने इसका पुनिर्निर्माण करवाया। ई.1706 में पुनः औंरगजेब ने इसे गिरवा दिया। तब से यह भग्नावस्था में खड़ा था।

भारत को स्वतंत्रता प्राप्त होते ही 13 नवम्बर 1947 को पटेल ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाने का संकल्प लिया। पण्डित नेहरू ने प्रधानमंत्री की हैसियत से सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का तीव्र विरोध किया किंतु पटेल और मुंशी ठान चुके थे। अक्टूबर 1950 में पुराने भग्नावशेष हटा दिये गये।

नेहरू के पुरजोर विरोध के बावजूद सरदार पटेल एवं कन्हैयालाल मुंशी ने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवा लिया। इस मंदिर के निर्माण में जनता से धन एकत्रित किया गया, सरकार के कोष से एक कौड़ी भी नहीं ली गई। इसलिए नेहरू की चीख-चिल्लाहट सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करने में बाधा नहीं बन सकी।

इससे पहले कि मंदिर का शिलान्यास होता, 15 दिसम्बर 1950 को सरदार पटेल का निधन हो गया। मई 1951 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने केन्द्रीय मंत्री के. एम. मुंशी के निमंत्रण पर इस मंदिर का शिलान्यास किया।

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

Related Articles

Stay Connected

21,585FansLike
2,651FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

// disable viewing page source