Saturday, December 21, 2024
spot_img

158. हिन्दुओं को तीर्थस्नान से रोक दिया सिकंदर लोदी ने!

सिकंदर लोदी ने अपनी मुस्लिम प्रजा के कल्याण के लिए अत्यधिक प्रयास किए किंतु उसे अधिक लोकप्रियता प्राप्त नहीं हो सकी। हिन्दू स्त्री का पुत्र होने पर भी सिकंदर लोदी को हिन्दुओं से किंचित् भी सहानुभूति नहीं थी। वह हिन्दुओं पर अत्याचार करने का कोई भी अवसर अपने हाथ से नहीं जाने देता था।

वह राजकीय नौकरियों पर नियुक्ति देने में वंश का ध्यान रखता था। अर्थात् वह निम्नकुल में उत्पन्न व्यक्तियों की जगह उच्चकुल के लोगों को प्राथमिकता देता था। हिन्दुओं के लिए नौकरियों के दरवाजे पूरी तरह बंद थे। फिर भी गांवों में राजस्व वसूली का कार्य कुछ हिन्दू कर्मचारी भी करते थे।

सिकंदर लोदी के शासनकाल में कटेहर निवासी बोधन अथवा लोधन नामक ब्राह्मण ने सार्वजनकि रूप से कहा कि हिन्दू धर्म उतना ही सच्चा है जितना कि इस्लाम। आलिमों ने उस ब्राह्मण की शिकायत कटेहर के गवर्नर आजम हुमायूं से की। आजम हुमायूं ने उस ब्राह्मण को पकड़कर सिकंदर लोदी के पास दिल्ली भिजवा दिया। सुल्तान ने उलेमाओं से पूछा कि इसे क्या सजा दी जानी चाहिए? उलेमाओं ने कहा कि इसे जेल में रखकर इस्लाम की शिक्षा दी जानी चाहिए तथा इसे मुसलमान बनाया जाना चाहिए। यदि यह ऐसा करना स्वीकार न करे तो इसकी हत्या की जानी चाहिए।

जब सुल्तान ने ब्राह्मण के समक्ष यह प्रस्ताव रखा तो ब्राह्मण ने मरना पसंद किया। सुल्तान के आदेश से उसकी हत्या कर दी गई। सिकंदर लोदी ने हिन्दुओं को यमुनाजी में स्नान करने से रोक दिया तथा नाइयों को आदेश दिया कि वह हिन्दुओं की दाढ़ी नहीं बनाएं।

इस रोचक इतिहास का वीडियो देखें-

सिकन्दर लोदी को हिन्दुओं से घोर घृणा थी। उसने बड़ी संख्या में हिन्दुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाया। उसने आदेश जारी किया कि कोई भी हिन्दू मथुरा के घाट पर स्नान नहीं करे। सिकंदर लोदी ने थानेश्वर के अत्यंत प्राचीन तीर्थ ब्रह्मसरोवर में हिन्दुओं को स्नान करने पर भी रोक लगा दी। उसने मथुरा सहित अन्य तीर्थों पर बहुत सी मस्जिदें बनवाईं जिससे वहाँ पर हिन्दुओं का प्रभाव घटे। उसने अपनी सल्तनत के विभिन्न भागों में हिन्दू-मन्दिरों को नष्ट करने की आज्ञा दी।

सिकंदर लोदी ने अपनी सल्तनत में मूर्ति-पूजा समाप्त करने का हर संभव प्रयास किया। वह मंदिरों से देवमूर्तियां तोड़कर कसाइयों को दे दिया करता था जो मांस तौलने के लिए उनके बाट बनाया करते थे। सिकन्दर ने नगरकोट के ज्वालादेवी मंदिर की प्रतिमा को तोड़कर उसके टुकड़े कसाइयों को माँस तोलने के लिए दिए। इस प्रकार उसने इस्लाम के उन्नयन एवं हिन्दू धर्म के विनाश के लिए फीरोजशाह तुगलक की नीति का अनुगमन किया।

To purchase this book, please click on photo.

यद्यपि वह एक कट्टर सुन्नी मुसलमान था एवं धार्मिक मामलों में अत्यंत संकीर्ण था, तथापि उसने वैष्णवों के धर्माचार्य भगवान वल्लभाचार्य के प्रति सम्मान का प्रदर्शन करके हिन्दुओं पर बड़ा उपकार किया।

सिकंदर लोदी के शासनकाल में महाप्रभु वल्लभाचार्य का दक्षिण भारत से ब्रजभूमि में आगमन हुआ। वे दक्षिण के तैलंग ब्राह्मण परिवार में उत्पन्न हुए थे। उन्होंने ब्रजक्षेत्र में स्थित गोवर्धन पर्वत पर भगवान श्रीनाथजी के विग्रह को ढूंढा तथा वैष्णवों की सगुण भक्ति के प्रमुख सम्प्रदायों में से एक पुष्टिमार्ग की स्थापना की जिसे शुद्धाद्वैत के नाम से भी जाना जाता है। 

वल्लभाचार्यजी ने भारत भर में घूमकर अनेक शास्त्रार्थ किए तथा हिन्दू धर्म में घुस आई भ्रामक बातों का निराकरण किया। जब उन्होंने एक विराट् शास्त्रार्थ में काशी के विद्वानों को परास्त किया तो सम्पूर्ण उत्तर भारत में वल्लभाचार्य के नाम की धूम मच गई। सिकंदर लोदी के कानों तक भी भगवान वल्लभाचार्य की प्रशंसा पहुंची तथा उसने वल्लभाचार्यजी के उपदेश सुने। इस कारण वह वल्लभाचार्यजी का प्रशंसक हो गया। उसने भगवान वल्लभाचार्य को अपने सामने बैठाकर, अपने समय के एक विख्यात चित्रकार से उनका चित्र बनवाया।

यह चित्र कई बरसों तक लोदी सुल्तानों तथा उसके बाद मुगल बादशाहों के महलों में लगा रहा। बाद में किशनगढ़ रियासत का राजा रूपसिंह राठौड़ मुगल बादशाह शाहजहाँ से इस चित्र को मांगकर राजपूताने में ले आया। भगवान वल्लभाचार्य का केवल यही एक चित्र उपलब्ध है। बाद के चित्रकारों ने इसी चित्र को आधार बनाकर वल्लभाचार्यजी के अन्य चित्र बनाए।

दिल्ली सल्तनत के काल में हुए वल्लभाचार्य, माधवाचार्य, निम्बार्काचार्य, विष्णु गोस्वामी, संत नामदेव, रामानन्दाचार्य, सूरदास, चैतन्य महाप्रभु, कबीर तथा रैदास आदि वैष्णव संतों का भारत की संस्कृति पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि आज हिन्दू धर्म का जो बाह्यस्वरूप दिखाई देता है, उसका बहुत-कुछ स्वरूप इन्हीं वैष्णव संतों एवं आचार्यों द्वारा निर्धारित किया गया था। वल्लभाचार्य के शिष्य गोकुलिए गोसाईं कहलाते थे। उन्होंने भगवान के बालस्वरूप की आराधान की। यह आराधना माधुर्य-भक्ति के अंतर्गत आती है।

भगवान वल्लभाचार्य ने हिन्दू-जन-मानस में तंत्र-मंत्र और वामाचार का प्रभाव समाप्त करके भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप की भक्ति का प्रचलन किया। राजपूताने के कोटा, बूंदी, जोधपुर, मेड़ता, बीकानेर, किशनगढ़ आदि राज्यों के राजा इन्हीं गोकुलिए गुसाइयों के शिष्य थे।

भक्त-कुल-शिरोमणि सूरदास, नंददास, कुंभनदास, हितहरिवंश, मीरांबाई, अब्दुर्रहीम और रसखान जैसे महान कृष्णभक्तों ने ब्रजभूमि में यशोदानंदन भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्ति की सरिता बहाई, इन समस्त भक्त-कवियों की प्रेरणा भी यही गुसाईं वल्लभाचार्य थे। सैंकड़ों साल के मुसलमानी शासन के उपरांत यदि आज भी वृंदावन, मथुरा और गोकुल में कृष्ण-भक्ति के गीत सुनाई पड़ते हैं तो उनकी प्रेरणा भी यही भगवान वल्लभाचार्य थे।

एक समय था जब भारत की भूमि पर या तो तांत्रिकों और वामाचारियों की गूंज थी या फिर सूफियों के कलाम सुनाई पड़ते थे। यदि भारत के लोगों ने जायसी की पद्मावत की निस्सारता को समझ कर गांव-गांव में तुलसी की रामायण को गाना आरंभ किया तो उनकी प्रेरणा भी यही महाप्रभु वल्लभाचार्य थे।

यदि भारत के निर्धन ग्रामवासियों ने कबीर की उलटबासियों, नाथों की रहस्यमयी वाणियों और अघोरियों के तामसी साधनाओं से ध्यान हटाकर यशोदानंदन कृष्णकन्हाई और कौशल्यानंदन श्रीराम की मर्यादा को स्वीकार किया, तो उनकी प्रेरणा भी यही तैलंग भट्ट स्वामी वल्लभाचार्य थे। भारत के भोले-भाले लोगों ने शैव और शाक्तों की वाम-साधनाओं को त्यागकर यदि वैष्णव धर्म को गले लगाया और नरमुण्डों तथा रुद्राक्षों की जगह तुलसी तथा सूत की मालाओं को धारण किया तो उसकी प्रेरणा भी यही वैष्णवाचार्य भगवान वल्लभाचार्य हैं।

ऐसे महान् संत वल्लभाचार्यजी को आदर-सम्मान देकर सिकंदर लोदी ने न केवल हिन्दू धर्म पर, न केवल भारत राष्ट्र पर, अपितु सम्पूर्ण मानवता पर बड़ा उपकार किया किंतु सिकंदर लोदी का यह उपकार इतिहास की धूल में दब कर रह गया है। एक कट्टर एवं धर्मांध मुस्लिम शासक द्वारा एक हिन्दू वैष्णवाचार्य का चित्र बनवाया जाना किसी पहेली से कम नहीं है।

हिन्दू धर्म एवं संस्कृति का विरोधी होने पर भी सिकंदर लोदी ने संस्कृत भाषा के एक आयुर्वेद ग्रंथ का फारसी में अनुवाद करवाया जिसे ‘फरहंगे सिकंदरी’ कहा जाता है।

-डॉ. मोहनलाल गुप्ता

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

21,585FansLike
2,651FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

// disable viewing page source