Saturday, April 19, 2025
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चंद्रवंशी राजाओं की कथाएँ – अनुक्रमणिका

इस पुस्तक में भारत के अत्यंत प्राचीन एवं चंद्रवंष नाम से विख्यात कुल में उत्पन्न चंद्रवंशी राजाओं की कथाएँ लिखी गई हैं। साथ ही उनके पौराणिक एवं वैज्ञानिक संदर्भों का भी उल्लेख किया गया है।

1 ब्रह्माजी ने सोम को ब्राह्मण, बीज, वनस्पति और जल का सम्राट बना दिया!

2 चंद्रमा ने देवगुरु बृहस्पति की पत्नी का हरण कर लिया!

3 राजा इल ने इला बनकर बुध मुनि से विवाह किया!

4 ऋषियों ने राजा इल को भगवान शिव से पुरुषत्व दिलवाया!

5 भरत मुनि ने उर्वशी को श्राप देकर धरती पर भेज दिया!

6 राजा नहुष ने इन्द्र बनकर शची को प्राप्त करना चाहा!

7  महर्षि अगस्त्य ने नहुष को नष्ट करके इन्द्र को पुनः देवराज बना दिया!

8 देवगुरु बृहस्पति ने रजि-पुत्रों को नास्तिक बनाकर स्वर्ग से निकलवा दिया!

9 राजा धन्वंतरि ने मनुष्यों के कल्याण के लिए काशीराज के यहाँ जन्म लिया!

10 देवगुरु बृहस्पति के पुत्र कच ने दैत्यगुरु शुक्राचार्य की पुत्री का प्रणय निवेदन स्वीकार नहीं किया!

11 शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी ने दैत्यों के साथ रहने से मना कर दिया!

12 शुक्राचार्य ने ययाति को स्त्री-लोलुप जानकर बूढ़ा बना दिया!

13 एक हजार वर्ष तक अपने पुत्र का यौवन भोगता रहा राजा ययाति!

14 इन्द्र के श्राप से ययाति स्वर्ग से धरती पर गिर पड़ा!

15 राजा ययाति ने ऋषियों के पुण्यकर्म लेने से मना कर दिया!

16 यदुवंश में उत्पन्न हुआ था हैहयराज कार्तवीर्य सहस्रार्जुन!

17 ययाति के श्राप से अनु के वंशज कुत्तों का मांस खाने लगे!

18 राजा ययाति ने अपनी पुत्री माधवी महर्षि गालव को सौंप दी!

19 ययाति की पुत्री माधवी ने चार पुरुषों से चार पुत्रों को जन्म दिया!

20 व्यभिचारिणी स्त्री की कथा नहीं है माधवी का आख्यान्!

21 विश्वामित्र एवं मेनका की पुत्री थी शकुंतला!

22 स्वर्ग की अप्सरा मेनका के दौहित्र के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा!

23  सूर्य की सुंदर पुत्री ताप्ती के लिए राजा संवरण ने घनघोर तपस्या की!

24 राजा कुरु के परिश्रम से धर्मक्षेत्र बन गया कुरुक्षेत्र!

25 गंगा ने राजा शांतनु के सात पुत्रों को नदी में बहा दिया!

26 राजा शांतनु ने मत्स्यगंधा सत्यवती से विवाह कर लिया!

27 सत्यवती के पुत्र वेदव्यास ने नियोग से चंद्रवंशियों के कुल की रक्षा की!

28 महर्षि वेदव्यास द्वारा नियोग से उत्पन्न दो बालक राजपुत्र एवं एक बालक दासीपुत्र माना गया!

29 गांधारी ने कुंती से द्वेष रखने के कारण अपना गर्भ गिरा दिया!

30 ऋषि किन्दम ने महाराज पाण्डु को स्त्री-संसर्ग से मृत्यु होने का श्राप दिया!

31 पाण्डु की रानियों ने पांच देवताओं से पांच पुत्र प्राप्त किए!

32 रानी माद्री ने देवताओं से दो पुत्रों को प्राप्त किया!

33 देवताओं और मनुष्यों का मिश्रण बन गए चंद्रवंशी राजा!

34 भगवान शंकर भूत-प्रेतों को लेकर अर्जुन की परीक्षा लेने आए!

35 भगवान शिव ने अर्जुन के लिए स्वर्ग के द्वार खोल दिए!

36 अर्जुन ने अपने पूर्वजों की परदादी का प्रणय-प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया!

37 अर्जुन को इन्द्रासन पर बैठे देखकर लोमश मुनि आश्चर्य में डूब गए!

38 हिमालय की उपत्यकाओं में गिर गए महारानी द्रौपदी एवं पाण्डुपुत्र!   

39 युधिष्ठिर ने द्रौपदी एवं अपने भाइयों को छोड़ दिया किंतु कुत्ते को नहीं छोड़ा!

40 कलियुग सोने का मुकुट पहनकर धरती एवं धर्म को पीटने लगा!

41 मृत्यु निकट जानकर राजा परीक्षित गंगाजी के तट पर जा बैठा!

42 नागराज तक्षक राजा परीक्षित को डंसने के लिए राजमहल में घुस गया!

43 राजा जनमेजय ने कहा, इन्द्र को भी सांपों के साथ यज्ञकुण्ड में घसीट लो!

44 राजा शिबि ने अपने शरीर का मांस काटकर बाज को दे दिया!

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