- ब्रह्माजी ने सोम को ब्राह्मण, बीज, वनस्पति और जल का सम्राट बना दिया!
- चंद्रमा ने देवगुरु बृहस्पति की पत्नी का हरण कर लिया!
- राजा इल ने इला बनकर बुध मुनि से विवाह किया!
- ऋषियों ने राजा इल को भगवान शिव से पुरुषत्व दिलवाया!
- भरत मुनि ने उर्वशी को श्राप देकर धरती पर भेज दिया!
- राजा नहुष ने इन्द्र बनकर शची को प्राप्त करना चाहा!
- महर्षि अगस्त्य ने नहुष को नष्ट करके इन्द्र को पुनः देवराज बना दिया!
- बृहस्पति ने रजि-पुत्रों को नास्तिक बनाकर स्वर्ग से निकलवा दिया!
- राजा धन्वंतरि ने मनुष्यों के कल्याण के लिए काशीराज के यहाँ जन्म लिया!
- बृहस्पति-पुत्र ने शुक्राचार्य की पुत्री का प्रणय स्वीकार नहीं किया!
- शुक्राचार्य की पुत्री ने दैत्यों के साथ रहने से मना कर दिया!
- शुक्राचार्य ने ययाति को स्त्री-लोलुप जानकर बूढ़ा बना दिया!
- एक हजार वर्ष तक अपने पुत्र का यौवन भोगता रहा राजा ययाति!
- इन्द्र के श्राप से ययाति स्वर्ग से धरती पर गिर पड़ा!
- राजा ययाति ने ऋषियों के पुण्यकर्म लेने से मना कर दिया!
- यदुवंश में उत्पन्न हुआ था हैहयराज कार्तवीर्य सहस्रार्जुन!
- ययाति के श्राप से अनु के वंशज कुत्तों का मांस खाने लगे!
- राजा ययाति ने अपनी पुत्री माधवी महर्षि गालव को सौंप दी!
- ययाति की पुत्री माधवी ने चार पुरुषों से चार पुत्रों को जन्म दिया!
- व्यभिचारिणी स्त्री की कथा नहीं है माधवी का आख्यान्!
- विश्वामित्र एवं मेनका की पुत्री थी शकुंतला!
- स्वर्ग की अप्सरा मेनका के दौहित्र के नाम पर देश का नाम भारत पड़ा!
- सूर्य की सुंदर पुत्री ताप्ती के लिए राजा संवरण ने घनघोर तपस्या की!
- राजा कुरु के परिश्रम से धर्म क्षेत्र बन गया कुरुक्षेत्र!
- गंगा ने राजा शांतनु के सात पुत्रों को नदी में बहा दिया!
- राजा शांतनु ने मत्स्यगंधा सत्यवती से विवाह कर लिया!
- वेदव्यास ने नियोग से चंद्रवंशियों के कुल की रक्षा की!
- नियोग से उत्पन्न दो बालक राजपुत्र एवं एक बालक दासी पुत्र माना गया!
- गांधारी ने कुंती से द्वेष रखने के कारण अपना गर्भ गिरा दिया!
- ऋषि किन्दम ने महाराज पाण्डु को स्त्री-संसर्ग से मृत्यु का श्राप दिया!
- पाण्डु की रानियों ने पांच देवताओं से पांच पुत्र प्राप्त किए!
- रानी माद्री ने देवताओं से दो पुत्रों को प्राप्त किया!
- देवताओं और मनुष्यों का मिश्रण बन गए चंद्रवंशी राजा!
- भगवान शंकर भूत-प्रेतों को लेकर अर्जुन की परीक्षा लेने आए!
- भगवान शिव ने अर्जुन के लिए स्वर्ग के द्वार खोल दिए!
- अर्जुन ने अपने पूर्वजों की परदादी का प्रणय-प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया!
- अर्जुन को इन्द्रासन पर बैठे देखकर लोमश मुनि आश्चर्य में डूब गए!
- हिमालय की उपत्यकाओं में गिर गए महारानी द्रौपदी एवं पाण्डु-पुत्र!
- युधिष्ठिर ने महारानी एवं भाइयों को छोड़ दिया किंतु कुत्ते को नहीं छोड़ा!
- कलियुग सोने का मुकुट पहन कर धरती एवं धर्म को पीटने लगा!
- मृत्यु निकट जानकर राजा परीक्षित गंगाजी के तट पर जा बैठा!
- नागराज तक्षक राजा परीक्षित को डंसने के लिए राजमहल में घुस गया!
- राजा जनमेजय ने कहा, इन्द्र को भी सांपों के साथ यज्ञकुण्ड में घसीट लो!
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